What Does shiv chalisa lyricsl Mean?
What Does shiv chalisa lyricsl Mean?
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
बृहस्पतिदेव की कथा
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की shiv chalisa lyricsl आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते more info हैं।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
Chanting of Shiva Chalisa is completed by the devotees in an effort to remember to and have the blessings in their beloved deity – Lord Shiva.